केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ अब राजस्थान ने विधान सभा में विधेयक पेश किए हैं। केंद्रीय कानूनों के खिलाफ पंजाब और छत्तीसगढ़ के बाद अब राजस्थान इस तरह का कदम उठाने वाला तीसरा कांग्रेस शासित राज्य बन गया है। राजस्थान विधान सभा में पेश विधेयक केंद्रीय कानूनों के असर को निष्प्रभावी करने के लिए लाए गए हैं। राजस्थान सरकार के मुताबिक शनिवार को सदन में पेश किए गए तीन विधेयकों में राज्य के किसानों के हितों की रक्षा के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। इनमें किसानों के उत्पीड़न पर कम से कम तीन साल की कैद और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना शामिल है।
राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने सदन में यह तीन विधेयक पेश किए। पहला- कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) (राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020, दूसरा- कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार (राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020 और तीसरा-आवश्यक वस्तु (विशेष उपबंध और राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020.
कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) (राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020 में सरकार ने कहा है कि वह राज्य के कृषकों, कृषि श्रमिकों तथा कृषि और उससे संबंधित क्रियाकलापों में लगे हुए अन्य समस्त व्यक्तियों के भी हितों और आजीविका की सुरक्षा और संरक्षण के लिए राजस्थान कृषि उपज मंडी समिति अधिनियम 1961 के विनियामक ढांचे के माध्यम से राजस्थान राज्य के कृषकों के लिए रक्षा उपायों को पुनः स्थापित करने की दृष्टि से यह विधेयक लाई है।
कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार (राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020 भी सदन में पेश किया गया। इसमें भी कृषकों के उत्पीड़न की स्थिति में सम्बद्ध व्यक्ति या कंपनी या कारपोरेट हाउस को तीन से सात साल की कैद या कम से कम पांच लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
इसी तरह सरकार कृषि उपज की जमाखोरी और चोर बाजारी से उपभोक्ताओं का संरक्षण करने और कृषकों तथा कृषि श्रमिकों और कृषि तथा इससे संबंधित क्रियाकलापों में लगे अन्य समस्त व्यक्तियों के भी हितों और आजीविका की सुरक्षा और संरक्षण करने के लिए आवश्यक वस्तु (विशेष उपबंध और राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020 लेकर आई है।
सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि भाजपा इन विधेयकों का विरोध करेगी और सोमवार को इन पर बहस के दौरान साबित कर देगी कि केंद्रीय कानून किसानों के हित में हैं।
केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि संबंधी कानूनों का कई जगह विरोध हो रहा है और कांग्रेस शासित पंजाब पहले ही इनके खिलाफ विधेयक पारित कर चुका है। राजस्थान से पहले पंजाब विधानसभा ने केंद्र के कृषि संबंधी नए कानूनों को खारिज करते हुए बीते 20 अक्टूबर को एक प्रस्ताव और चार विधेयक पारित किए थे। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को बेअसर करने के लिए कांग्रेस की छत्तीसगढ़ सरकार ने भी विधान सभा के विशेष सत्र में मंडी कानून में बदलाव किया है।