पंजाब में चल रहे किसान आंदोलन में एक नया मोड़ आ गया है। किसानों ने अब कॉरपोरेट घरानों के कारोबार और सेवाओं का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है। इसके लिए किसानों, युवाओं और कलाकारों समेत देश के सभी नागरिकों से कॉरपोरेट्स के उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील की जा रही है.
अमृतसर और फिरोजपुर में रेल रोको आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह ने कहा, ‘रिलायंस इंडिया, जिसे अंबानी चला रहे हैं, वह पूरे देश को कंट्रोल कर रहे हैं। पूरी दुनिया में सरकारें हो या भारत सरकार, कॉरपोरेट घराने के हाथ की कठपुतली बनी हुई है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हम देश के सभी लोगों से कॉरपोरेट घरानों के प्रोडक्टस का बहिष्कार करने की अपील कर रहे हैं। रिलायंस के जो पेट्रोल पंप हैं, हमें उनसे पेट्रोल नहीं लेना चाहिए, जियो सिम का भी बहिष्कार करना चाहिए। अगर हम कॉरपोरेट घरानों के प्रोडक्ट्स का बहिष्कार करेंगे तो ये इतना बड़ा घाटा बर्दाशत नहीं कर पाएंगे।’

किसानों ने केंद्र सरकार पर कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है। रेल रोको आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन ने कहा, ‘अंबानी जी देश के पूरे मीडिया हाउस को कंट्रोल कर रहे हैं। भारत के सभी लोग सभी व्यापार संगठन, मजदूर संगठन, नौजवानों के संगठन देश और पंजाब की खेती को बचाने के लिए मैदान में कूद पड़े हैं और हम सफल होंगें।’ उन्होंने हरियाणा की जेजेपी पार्टी से बीजेपी के साथ हरियाणा में जारी गठबंधन को तोड़ने की भी अपील की।
पंजाब के किसान संगठनों ने रेल रोको आंदोलन से जुड़ने और इसका दायरा बढ़ाने का ऐलान किया है। इसे प्रदेश के 31 किसान संगठनों का समर्थन मिल सकता है। इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ बैठक में किसानों ने उनके विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने और केंद्र सरकार के तीनों कानूनों को खारिज करने की मांग भी उठाई है। सीएम के साथ बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ बेमियादी धरना शुरू किया जाएगा, बीजेपी के नेताओं का बहिष्कार किया जाएगा।
किसान अमृतसर और फिरोजपुर में 24 सितंबर से रेल रोको आंदोलन कर रहे हैं। किसान केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने या फिर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाला कानून लाने की मांग कर रहे हैं।