पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के बीच धान की सरकारी खरीद शुरू हो गई है. राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता सुरक्षा मंत्री भारत भूषण आशु ने रविवार को राजपुरा अनाज मंडी से खरीद की शुरुआत की. खाद्य मंत्री ने कहा कि, ‘सीएम अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में पंजाब सरकार किसानों के साथ खड़ी है और केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए हर तरीके का इस्तेमाल किया जाएगा.’
उन्होंने कहा कि पंजाब में खरीफ सीजन में 170 लाख टन धान की खरीदने के इंतजाम किए गए हैं और किसानों से फसल का एक-एक दाना खरीदा जाएगा. खाद्य मंत्री ने बताया कि धान की फसल समय से पहले आने की वजह से सरकार ने धान की सरकारी खरीद को तय समय से पहले शुरू करा दिया है.
धान खरीद के पहले दिन पूरे पंजाब में 3,531 टन धान की सरकारी खरीद हुई, जबकि 59 टन धान निजी मिलर्स ने खरीदा.
कोरोना से बचाव के लिए विशेष व्यवस्था
धान खरीद के लिए पंजाब सरकार ने लगभग 4,035 खरीद केंद्र बनाए हैं. सरकार का दावा है कि फसल खरीद और कोरोना से बचाव को सुनिश्चित करने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. इसके तहत खरीद केंद्रों पर 30-30 फीट के ब्लॉक बनाए गए हैं और मास्क के साथ-हाथ धोने के लिए साबुन और सैनिटाइजर की भी व्यवस्था की गई है. इसके अलावा फसल की उठवाई के लिए मजदूरों, बारदाने और ट्रांसपोर्ट के भी प्रबंध किए गए हैं. खाद्य मंत्री आशु ने किसानों से अपील की कि कोविड महामारी के कारण खेतों में पराली को आग न लगाई जाए और अपनी फसल सुखा कर ही मंडियों में लाएं. उन्होंने बताया कि गेहूं की तरह धान को मंडी में लाने के लिए किसानों को पास जारी किया जाएगा. किसान अलग-अलग दिनों के लिए अलग-अलग रंगों के पास आढ़तियों से ले सकेंगे.

एमएसपी पर खरीद और खाते में पैसे भेजने की अपील
पंजाब के खाद्य मंत्री आशु के मुताबिक राज्य के आढ़तियों से सरकार ने अपील की है कि किसानों से धान एमएसपी ( जो 1,888 रुपये प्रति क्विंटल है) पर खरीद जाए और किसानों के खाते में फसल की रकम भेजते रहें. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में धान की खरीद के लिए नगद क्रेडिट सीमा (सीसीएल) भी कुछ ही दिनों में जारी हो जाएगी.