देश में प्याज की कीमतें एक बार फिर आसमान छू रही हैं। खुदरा बाजार में प्याज की कीमत 70 से 90 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई। प्याज की कीमतों में आए उछाल ने खरीदार से लेकर सरकार तक की परेशानियां बढ़ा दी है। बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने प्याज पर स्टॉक लिमिट लाग दी है। उपभोक्ता मामलों के विभाग की सचिव लीना नंदन ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि नए नियमों के तहत थोक कारोबारियों को अब 25 टन प्याज का स्टॉक रखने की इजाजत होगी। जबकि खुदरा व्यापारियों के लिए स्टॉक लिमिट दो टन निर्धारित की गई है। प्याज की ये स्टॉक लिमिट 31 दिसंबर 2020 तक लागू रहेगी।
इससे पहले प्याज की कीमतों को काबू में करने के लिए सरकार ने निर्यात पर रोक लगा दी थी। उपभोक्ता मामले के विभाग की सचिव लीना नंदन ने कहा कि सभी राज्यों को उनकी जरूरत के मुताबिक प्याज की आपूर्ती की गई है। अब तक 35 हजार टन प्याज कीमतों में निश्चित स्थिरता बनाए रखने के लिए दिया गया है। उन्होंने प्याज की जमाखोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी बात कही सचिव लीना नंदन ने कहा, ‘बेमौसम बारिश की वजह से प्याज की फसल बर्बाद हुई, जमाखोरों की वजह से अचानक प्याज की कीमतों में बढ़तरी आई है जमाखोरों पर कार्रवाई की जाएगी।’
केंद्र सरकार ने 14 सितंबर से प्याज के निर्यात पर पाबंदी लगा रखी है, बावजूद इसके प्याज की कीमतों में लगातार उछाल आ रहा है। सरकार के मुताबिक उनके पास एक लाख टन का बफर स्टॉक है, जिसे योजनाबद्ध तरीके से जारी किया जा रहा है।
इसके अलावा सरकार प्याज आयात की भी तैयारी कर रही है। इसके लिए आयात के नियमों में भी ढील दी गई है। हालांकि प्याज की बढ़ती कीमतों का किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। किसानों के मुताबिक वो पहले ही कम दामों में प्याज बेच चुके हैं और अब जमाखोर मुनाफे के साथ ज्यादा कीमत पर प्याज को बेच रहे हैं।