हरियाणा में केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन की आग अब खट्टर सरकार को परेशानी में डाल सकती है. बरोदा सीट पर उपचुनाव में राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के बैनर तले रविवार को आयोजित महापंचायत में किसानों ने बीजेपी नेताओं के बहिष्कार का ऐलान किया है. राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने 54 गावों की महापंचायत में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को बुलाया था ताकि किसान उनसे सीधे सवाल जवाब कर सकें, लेकिन बीजेपी का कोई नेता या प्रतिनिधि महापंचायत में शामिल नहीं हुआ.
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिमन्यु कोहाड़ ने हिंद किसान को बताया कि, ‘हमने महापंचायत में सीएम मनोहर लाल खट्टर, कृषि मंत्री जेपी दलाल, बीजेपी सांसद समेत बरोदा विधानसभा से बीजेपी के संभावित उम्मीदवार योगेश्वर दत्त को आमंत्रित किया था. लेकिन इनमें से कोई भी महापंचात में शामिल नहीं हुआ.’
अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि, ‘महापंचायत में 5000 से ज्यादा किसान जुटे और उनके सामने कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि थे. जिन्होंने किसानों से सवाल जवाब किये सिर्फ बीजेपी को छोड़कर. इसलिए महापंचायत में ये सभी किसानों की सहमति के साथ ये फैसला लिया गया कि उपचुनावों में बीजेपी नेताओं की बहिष्कार किया जाएगा.’
कुछ ही दिन पहले बरोदा के एक गांव में विकास कार्यों की शुरुआत के लिए पहुंचे हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल को विरोध का सामना करना पड़ा था. किसानों ने जेपी दलाल के काफिले को घेरकर नारेबाजी की थी.
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ युवा इकाई के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष अक्षय नरवाल ने हिंद किसान को बताया कि, ‘किसान नेताओं से संवाद करना चाहते हैं लेकिन बीजेपी नेता किसानों को अहमियत नहीं देते. जब वे महापंचायत में नहीं आए तो किसान उन्हें क्यों वोट दे? उनका बहिष्कार क्यों न करे?’
अक्षय नरवाल ने बताया कि हमारा संगठन बरोदा के हर गांव में जाकर किसानों को महापंचायत के फैसले के बारे में बताएगा और कृषि कानूनों से होने वाले नुकसान की जानकारी देगा. इसके बाद हम हरियाणा के प्रत्येक गांव तक बीजेपी सरकार की विरोधी नीतियों के खिलाफ किसानों को लामबंद करेंगे.