देशभर में चल रहे किसान आंदोलन के बीच हरियाणा के सिरसा में आज किसानों ने उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के इस्तीफे की मांग की। सिरसा के दशहरा मैदान में जुटे हरियाणा के अलग-अलग हिस्सों से आए हजारों किसानों ने दुष्यंत चौटाला के साथ-साथ ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह चौटाला के आवास का घेराव करने का भी ऐलान किया। प्रदर्शन में पहुंचे स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा, ‘हरियाणा के कोने-कोने से किसान चौधरी देवीलाल की कर्मभूमि सिरसा पहुंच रहे हैं। किसान सिर्फ एक सवाल पूछ रहे हैं कि किसान चाहिए या कुर्सी?’
किसान आंदोलन के बीच हरियाणा की खट्टर सरकार में शामिल जननायक जनता पार्टी यानी जेजेपी और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के लिए लगातार मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। किसानों के प्रदर्शन के ऐलान के साथ ही सिरसा में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। इस बीच मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक दुष्यंत चौटाला बीती रात ही चंडीगढ़ रवाना हो गए हैं। इस पर दुष्यंत को घेरते हुए योगेंद्र यादव ने कहा, ‘जब दुष्यंत चौटाला को समझ आ गया कि वह किसानों के सवालों का जवाब नहीं दे सकते तो चंडीगढ़ भाग गए। घर के बाहर पुलिस और बैरियर खड़े कर दिए। जिस नेता को पुलिस और बेरियर का सहारा लेना पड़े वह जनता का नेता नहीं होता। आज किसान जाएगा मोर्चा लगाएगा। हम चौटाला हाउस की तरफ जाएंगे और दुष्यंत चौटाला के घर के बाहर डेरा डालेंगे।’
सिरसा के दशहरा मैदान में किसानों के प्रदर्शन की तस्वीरें
किसान संगठन लगातार जेजेपी से खट्टर सरकार से समर्थन वापस लेने की मांग कर रहे हैं। जबकि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला खेती से जुड़े कानूनों को किसानों के हित में होने के दावे कर चुके हैं। किसान संगठन इस बात से बेहद नाराज हैं। योगेंद्र यादव ने कहा, ‘चौधरी दुष्यंत चौटाला और रणजीत सिंह आज बीजेपी की गोदी में बैठ कर सत्ता का सुख भोग रहे हैं। देश का एक भी किसान संगठन और नेता इन कानूनों के समर्थन में नहीं है तब चौधरी देवीलाल के राजनीतिक विरासत का वारिस होने का दावा करने वाले दुष्यंत चौटाला और रणजीत सिंह इन कानूनों के हक में इनकी ढाल बनकर क्यों खड़े हैं? आपको किसान प्यारा है तो त्यागपत्र देकर किसानों के साथ खड़े हों। इस आंदोलन में आकर कानूनों का विरोध करो। अगर आपको सत्ता प्यारी है तो किसान अपना हिसाब कर लेंगे।’
कृषि कानूनों पर बगावती तेवर दिखाते हुए शिरोमणी अकाली दल के एनडीए से अलग होने के साथ ही जेजेपी पर भी दवाब बढ़ गया है। इस बीच कांग्रेस ने दुष्यंत चौटाला से इस्तीफे की मांग शुरू कर दी है। वहीं, जेजेपी में कृषि कानूनों के खिलाफ अंदरूनी कलह भी सामने आ रही है। खबरों के मुताबिक, पार्टी के कई विधायक इन कानूनों के खिलाफ हैं और इस पर दुष्यंत चौटाला के रुख से खासे नाराज हैं।
90 सदस्यों वाली हरियाणा विधान सभा में 10 विधायकों वाली जेजेपी और बीजेपी (40 विधायक) का गठबंधन सत्ता में है। इससे पहले कृषि कानूनों का बचाव और उन्हें किसानों के हित में बताते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर कोई आंच आई तो वह इस्तीफा दे देंगे।