देश के गैर-राजनीतिक किसान संगठनों का दावा करने वाले संगठनों के प्रतिनिधियों ने दिल्ली में बैठक की। यह बैठक केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन की रूपरेखा तय करने के लिए हुई थी। बैठक देश के अलग अलग हिस्सों से किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की जिसमें मुख्य तौर पर शिव कुमार कक्काजी, जगजीत सिंह दल्लेवाल, केवी बीजू, जसबीर सिंह भट्टी जैसे किसान नेता शामिल हुए।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में संगठनों ने बताया कि सभी संगठन मिलकर कृषि कानूनों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के लिए अन्य किसान संगठनों के साथ तालमेल बनाएंगे। इस काम के लिए 11 सदस्यों की एक कमेटी भी बनाई गई है।
इसके साथ ही किसान संगठनों ने 5 नवम्बर को होने वाले भारत बंद कार्यक्रम में भी हिस्सा लेने का ऐलान किया। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने देश के कई किसान संगठनों के साथ मिलकर 5 नवंबर को देशभर में चक्का जाम करने का ऐलान किया है।
इसके साथ ही जंतर मंतर पर जुटे किसान संगठनों ने दिल्ली घेराव के कार्यक्रम की रणनीति बनाने के लिए ऑल इंडिया किसान कॉर्डिनेशन कमेटी समेत अन्य संगठनों के साथ बातचीत करने की भी बात कही। किसान संगठनों ने पत्रकार वार्ता में दोहराया कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानून किसान विरोधी हैं जो सिर्फ कॉरपोरेट के फायदे के लिए बनाए गए हैं। किसान संगठनों ने पंजाबी की तर्ज पर अम्बानी-अडानी जैसी कंपनियों के उत्पादों के बहिष्कार का भी ऐलान किया।