पंजाब में केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार आंदोलन जारी है। किसान रेल की पटरियों पर लगातार धरना दे रहे हैं। इसको लेकर एनडीए से बगावत कर चुके शिरोमणि अकाली दल भी सड़क पर उतर आया है। पार्टी ने अमृतसर से चंडीगढ़ तक किसान रैली शुरू कर दी है। अमृतसर में इस रैली में शामिल हुए पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा, ‘हम राज्यपाल से मिलकर राष्ट्रपति और केंद्र सरकार के नाम ज्ञापन सौंपेंगे और उनसे संसद का विशेष सत्र बुलाकर तीनों कृषि कानूनों का वापस लेने की मांग करेंगे।’
इन कृषि कानूनों के विरोध में केंद्र सरकार से इस्तीफा दे चुकी शिरोमणी अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने सभी लोगों से इस रैली में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा, ‘पंजाब के किसानों, आढ़तियों और मजदूरों के वास्ते बड़ी लड़ाई शुरू की गई है..हमारी सबसे विनती है कि अब घरों में बैठने का वक्त नहीं है…हमें चंडीगढ़ से दिल्ली के तख्त को आवाज देनी कि हमारे साथ न्याय करो. अगर हमने दिल्ली कूच किया तो फिर रुकेंगे नहीं।’
हालांकि, रेल रोको आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह ने कहा, ‘शिरोमणि अकाली दल, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर किसानों के मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।’ अकाली दल की अमृतसर-चंडीगढ़ रैली पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, ‘ये सब 2022 चुनाव में अपने साख बचाने के लिये कर रहे हैं।’
इस बीच रेल की पटरियों पर आंदोलन कर रहे किसानों ने अडानी और अंबानी के पुतले जलाकर प्रदर्शन किया। सरवन सिंह ने कहा, ‘पंजाब से पूंजीपतियों को बाहर का रास्ता दिखाना है तभी पंजाब का किसान खुशहाल होगा।’ यहां आंदोलन कर रहे किसानों ने देश के नागरिकों से कारपोरेट्स के उत्पादों और सेवाओं का बहिष्कार करने की भी अपील कर चुके हैं।