केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा में किसानों का सबसे तीखा विरोध सामने आया है। हालांकि, हरियाणा में किसानों ने राज्य की खट्टर सरकार पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। किसानों का कहना है कि बीजेपी अपने कार्यकर्ता की मौत का राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है, इसलिए किसानों पर अपने कार्यकर्ता की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। इस बीच पुलिस ने नरायणगढ़ में कृषि कानून के समर्थन में आए एक किसान की हत्या के आरोप में आठ किसानों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा शहजादपुर- नारायणगढ़ नेशनल हाईवे को जाम करने के आरोप में छह किसानों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया है।
पुलिस प्रशासन की इस कार्रवाई पर भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के मीडिया प्रभारी राकेश कुमार बैंस ने सवाल उठाया है। हिंद किसान से बातचीत में उन्होंने कहा कि ‘सरकार झूठे मुकदमों में किसानों को फंसाना चाह रही है।’ उन्होंने कहा कि ‘बीजेपी की कृषि कानूनों के समर्थन में निकाली जा रही रैली में किसान भरत सिंह शामिल था। ट्रैक्टर पर बैठे इस किसान की मौत हार्ट अटैक से हुई है लेकिन पुलिस ने किसानों पर 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। बीजेपी किसानों के आंदोलन को रोकने के लिए और किसानों पर दबाव बनाने के लिए यह सब कर रही है।’ उन्होंने कहा कि ‘बीजेपी कोविड के वक्त पर रैली निकाल रही है, ऐसे में किसानों के बजाए आयोजन करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए।’ राकेश बैंस ने यह भी कहा कि ‘हमारी मांग है कि इस मामले की जांच दूसरे प्रदेश की जांच एजेंसी से कराई जाए, जिस पर बीजेपी सरकार का दबाव न हो।’
किसानों के इन आरोपों में बीच एफआईआर में कहा गया है कि ’14 अक्टूबर को कृषि कानूनों के समर्थन में ट्रैक्टर रैली की जा रही थी। ये यात्रा नारायणगढ़ से शहजादपुर जानी थी लेकिन, मिलन पैलेस के पास जब ये रैली पहुंची तो वहां पर काफी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और गुरनाम सिंह चढूनी के लोग मौजूद थे। जिन्होंने रोड जाम कर दिया। उनके पास काले झंडे और लाठी, डंडे मौजूद थे। इन लोगों ने ट्रैक्टर पर बैठे लोगों पर हमला कर दिया, इसी धक्का मुक्की में भरत सिंह बेहोश होकर गिर गए। बाद में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।’

दरअसल ये पूरा मामला 14 अक्टूबर का है, जब हरियाणा के नारायणगढ़ में केंद्रीय मंत्री रतनलाल कटारिया और सांसद नायब सैनी कृषि कानूनों की हिमायत करने और किसानों को जागरूक करने के मकसद से ट्रैक्टर रैली निकाल रहे थे। इसी रैली के दौरान बड़ा गांव के रहने वाले किसान भरत सिंह की मौत हो गई थी। रैली के विरोध में किसान कृषि कानूनों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। इस दौरान नाराज किसानों ने केंद्रीय मंत्री रतनलाल कटारिया और सांसद नायब सैनी को काले झंडे दिखाए थे और उनका घेराव किया था।