25 सितंबर के भारत बंद के बाद अब अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने देशव्यापी प्रदर्शनों की नई तारीखों का एलान कर दिया है। इसमें जगह-जगह प्रदर्शन करने के अलावा गांवों में बीजेपी सांसद और विधायकों का बायकॉट करना भी शामिल है। इसके साथ ही दिल्ली का घेराव करने की भी रणनीति बनाई है।
एआईकेएससीसी के राष्ट्रीय संयोजक वीएम सिंह ने कहा, ’25 सितंबर को पहली बार किसानों ने देशव्यापी भारत बंद किया। 28 सितंबर को हमने अपील की थी कि युवा शहीद भगत सिंह की प्रतिमा के सामने ये संकल्प लें कि जब तक इन कानूनों को वापस करा कर ही दम लेंगे।’
आंदोलन की आगे की रणनीति की जानकारी देते हुए वीएम सिंह ने कहा, ‘2 अक्टूबर से पूरे देश के अंदर गांव-गांव में बीजेपी सांसदों और विधायकों के बायकॉट की शुरुआत की जाएगी। जब तक वे इन कानूनों को वापस लेने के लिए सरकार पर दवाब नहीं बनाते, उन्हें गांवों में नहीं घुसने दिया जाएगा। 6 अक्टूबर को हरियाणा में दुष्यंत चौटाला की घेराबंदी की जाएगी। 14 अक्टूबर को देश के हर तहसील, ब्लॉक, मंडियों में एमएसपी अधिकार दिवस मनाया जाएगा। इसके बाद 26-27 नवंबर से देश के किसान राजधानी कूच करेंगे और दिल्ली का घेराव करेंगे।’
अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि, ‘तानाशाही सरकार आंदोलन की आवाज को लगातार दबा रही है। बीते 6 महीनों से लगातार प्रदर्शन के बावजूद सरकार ने तीन कानून पास कर दिये। 70 सालों में किसी सरकार ने किसानों के साथ इतना विश्वासघात नहीं किया, जितना मौजूदा सरकार कर रही है। हम जमीन पर इन कानूनों को लागू नहीं होने देंगे।’
वहीं, स्वराज इंडिया के संयोजक योगेंद्र यादव ने कहा कि, ‘ये तय है कि अब लड़ाई सड़क पर ही होगी। हम सिर्फ इतना जानना चाहते हैं कि इन कानूनों से किसानों को कैसे फायदा होगा, लेकिन सरकार अभी ये समझा नहीं पाई है।’
दिल्ली के प्रेस क्लब में आयोजित एआईकेएससीसी की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने यह भी कहा गया कि सरकार चाहे तो अपने 6 मंत्रियों को किसान नेताओं के सामने बहस के लिए भेजे, जिसकी सीधी रिपोर्टिंग हो, अगर मंत्रियों ने हमें यह समझा दिया कि इन कानूनों से किसानों का भला होने वाला है तो हम अपनी गलती मान लेंगे और प्रदर्शन रोक देंगे। लेकिन अगर वे हमारी शंकाओं का समाधान नहीं कर पाए तो सरकार इन कानूनों को वापस ले।’
5 जून से कृषि संबंधी अध्यादेश पारित होने के बाद से ही देशभर में किसान आंदोलन हो रहे हैं। इसमें हर राज्य के किसान संगठन अपनी-अपनी रणनीति के तहत प्रदर्शन कर रहे हैं। भारत बंद की अपील पर देशभर के लगभग सभी किसान संगठन एक साथ सड़कों पर उतरे थे। ऐसे में आने वाली इन तारीखों में एक बार फिर किसान संगठन सड़क पर उतर चुके हैं।