उर्वरकों की बढ़ती मांग और आपूर्ति की चुनौतियां
रबी फसलों, जैसे गेहूं, सरसों और जौ, के लिए DAP उर्वरक बहुत महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि ये फसलों के अच्छे उत्पादन के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करते हैं। इस वर्ष, उर्वरकों की आपूर्ति कम होने के कारण DAP उर्वरक की आपूर्ति में भारी कमी आई है, जिसके कारण राज्य और देशभर में इस उर्वरक की कमी महसूस की जा रही है। राजस्थान, जो एक प्रमुख कृषि राज्य है, को भी इस संकट का सामना करना पड़ा है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर और नवम्बर 2024 में DAP उर्वरक की मांग 2.81 लाख मीट्रिक टन थी, जबकि आपूर्ति केवल 74% तक ही पहुंच पाई, यानी 2.08 लाख मीट्रिक टन ही उपलब्ध हो सका। वर्तमान में राज्य में लगभग 41,000 मीट्रिक टन DAP का स्टॉक उपलब्ध है, जो औसत दैनिक खपत के हिसाब से केवल 10 दिन के लिए पर्याप्त है। राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि अगले 2-3 दिनों में 20,000 मीट्रिक टन DAP उर्वरक और पहुंच जाएगा।
वैकल्पिक उर्वरकों की ओर बढ़ता रुझान
DAP उर्वरक की कमी को देखते हुए, किसान SSP उर्वरक और NPK उर्वरक जैसे वैकल्पिक उर्वरकों का उपयोग बढ़ाने लगे हैं। इन उर्वरकों का उपयोग न केवल DAP का विकल्प है, बल्कि ये अतिरिक्त पोषक तत्व भी प्रदान करते हैं, जो मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने में मदद करते हैं। राजस्थान कृषि आयुक्त, चिन्मयी गोपाल के अनुसार, SSP और NPK का उपयोग बढ़ने से फसलों की गुणवत्ता में सुधार देखा गया है।
अक्टूबर 2023 के मुकाबले, अक्टूबर 2024 में SSP उर्वरक का उपयोग 76% और NPK उर्वरक का उपयोग 221% तक बढ़ गया है। यह वृद्धि दर्शाता है कि किसान **DAP** के बजाय **SSP** और **NPK** जैसे वैकल्पिक उर्वरकों का उपयोग बढ़ा रहे हैं। SSP, एक सस्ता विकल्प होने के साथ-साथ, फास्फोरस की अधिक मात्रा प्रदान करता है, जो पौधों के विकास में सहायक है। वहीं, NPK उर्वरक नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश का संतुलित मिश्रण प्रदान करता है, जो सभी प्रकार की फसलों के लिए लाभकारी है।
सरकारी प्रयास और उपाय
राजस्थान सरकार **DAP उर्वरक** की कमी को दूर करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। केंद्रीय सरकार के साथ समन्वय बढ़ाकर, राज्य सरकार ने राज्य में उर्वरकों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं। इसके अलावा, कालाबाजारी, जमाखोरी और नकली उर्वरकों पर अंकुश लगाने के लिए कृषि विभाग ने सख्त कदम उठाए हैं।
सितंबर 15, 2024 से शुरू हुए गुणवत्ता नियंत्रण अभियान के तहत 5,478 कृषि आदान विक्रेताओं और निर्माताओं का निरीक्षण किया गया। जिनमें से 618 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, 39 लाइसेंस निलंबित किए गए, और 5 कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। इन कार्यवाहियों के द्वारा सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को उचित और गुणवत्तापूर्ण उर्वरक मिले।
किसानों पर प्रभाव
DAP उर्वरक की कमी ने किसानों के लिए कई चुनौतियाँ उत्पन्न की हैं। बहुत से किसानों को अब **SSP** और **NPK** जैसे वैकल्पिक उर्वरकों का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। हालांकि, इन वैकल्पिक उर्वरकों के बारे में किसानों में कुछ संकोच है, क्योंकि वे **DAP** के जैसे प्रभावी नहीं लगते। इसके बावजूद, सरकार द्वारा दिए गए तकनीकी मार्गदर्शन और समर्थन के चलते किसान इन उर्वरकों का उपयोग करने में उत्साहित हो रहे हैं।
हालांकि, उर्वरकों की **कम आपूर्ति** के कारण कीमतों में उतार-चढ़ाव भी हो रहा है, जिससे किसानों पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव पड़ रहा है। यह स्थिति खेती के उत्पादन की लागत को बढ़ा सकती है और किसानों की आय में गिरावट ला सकती है। ऐसे में, राज्य और केंद्र सरकार के प्रयासों से जल्दी ही इस समस्या का समाधान होने की उम्मीद है।
यह लेख उर्वरकों की आपूर्ति, मांग और राजस्थान में खेती से संबंधित सरकारी प्रयासों पर आधारित है। सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के साथ-साथ किसान समुदाय की सक्रिय भागीदारी से इस संकट को दूर किया जा सकता है
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